स्नेहक (Lubricants)
ऐसे पदार्थ जो दो ठोस सतहों, जो कि आपस में विपरीत दिशा में घूम रही होती हैं उनके बीच उत्पन्न होने वाले घर्षण को कम करते है, उन पदार्थों को स्नेहक कहते हैं अर्थात ” ऐसे पदार्थ जो किसी मशीन में दो विपरीत दिशाओं में गति करने वाली धातुओं की सतहों के मध्य पर्त का कार्य करके उत्पन्न घर्षण प्रतिरोध को कम करते हैं, स्नेहक कहलाते है”
सरल शब्दो में हम कह सकते है कि ” घर्षण कम करने वाले पदार्थों को स्नेहक कहते है।
स्नेहक की विशेषताएँ ~ Characteristics Of Lubricants
एक अच्छे स्नेहक में निम्नलिखित विशेषताएं होनी चाहिए –
- स्नेहक की श्यानता ( Viscosity ) मशीन के अनुरूप होनी चाहिए जैसे – हल्की तथा तेज गति से चलने वाली मशीनों के लिए कम श्यानता वाला स्नेहक, जबकि भारी तथा धीरे चलने वाली मशीनों के लिए अधिक श्यानता वाला स्नेहक प्रयोग करना चाहिए ।
- अधिक दाब पर काम करने वाली मशीनों के लिए प्रयुक्त स्नेहक में स्नग्धता (Oiliness) का गुण होना चाहिए ।
- स्नेहक की श्यानता पर तापक्रम का अधिक प्रभाव नहीं पड़ना चाहिए ।
- कम वाष्पशीलता वाले स्नेहकों का प्रयोग करना चाहिए ।
- अच्छे स्नेहकों की आवश्यकता होने की दर कम होनी चाहिए ।
- स्नेहक विघटित होकर कम कार्बन उत्पन्न करने वाला होना चाहिए ।
- स्नेहकों का प्रज्जवलन ताप (Flash Point) अधिक होना चाहिए ।
- स्नेदको की पायस (Emulsion) बनाने की क्षमता कम होनी चाहिए ।
- स्नेहक की उदासीनीकरण संख्या कम होनी चाहिए ।
स्नेहक के कार्य ~ Functions Of Lubricants
- रगड़ने वाली धातु सतहों के मध्य पर्त के रूप में रहकर उनके सीधे सम्पर्क को रोकते हैं।
- सतहों के मध्य उत्पन्न घर्षण प्रतिरोध को कम करते हैं।
- मशीनों की दक्षता (efficiency ) को बढ़ाते हैं।
- मशीन द्वारा कम ऊर्जा खर्च करने की क्षमता को बढ़ाते हैं।
- मशीन द्वारा उत्पन्न ध्वनि को कम करते हैं।
- मशीनों की आयु को बढ़ाते है। .
स्नेहक की आवश्यकता ~ Necessary Of Lubricants
मशीनों में स्नेहक की आवश्यकता निम्नलिखित कारणों से होती है –
- मशीनों की दक्षता (efficiency ) बढ़ाने में ।
- ऊर्जा की खपत कम करने के लिए ।
- ध्वनि कम करने में ।
- कम्पन तथा झटके कम करने में ।
- मशीनों की उम्र बढ़ाने में ।
- घर्षण प्रतिरोध कम करने में ।