सन् 1679 ई॰ में वैज्ञानिक रॉबर्ट हुक ने वस्तु पर कार्यरत बल तथा बल के कारण वस्तु में उत्पन्न संगत विकृति के मध्य सम्बन्ध स्थापित किया । इसके अनुसार ” प्रत्यास्थ सीमा के अन्दर, किसी वस्तु पर लगाया प्रतिबल, उसमें उत्पन्न विकृति के समानुपाती होता है।”
प्रतिबल ∝ विकृति
अथवा प्रतिबल = नियतांक X विकृति
अथवा प्रतिबल/ विकृति = नियतांक (E )
इस नियतांक को E द्वारा व्यक्त करते है तथा इसे प्रत्यास्थता गुणांक कहते है E का मान पदार्थ की प्रकृति पर निर्भर करता है । E का मात्रक न्यूटन / मीटर 2 तथा E का विमीय सूत्र [ML-1T-2] होता है।