प्रतिबल (Stress)
किसी वस्तु की अनुप्रस्थ काट के एकांक क्षेत्रफल पर कार्यरत आन्तरिक प्रतिक्रिया बल को प्रतिबल कहते है ।
माना किसी वस्तु की अनुप्रस्थ काट का क्षेत्रकल A है तथा इस पर कार्यरत बाहरी बल F है, तब
प्रतिबल (P) = बाहरी बल (F)/ क्षेत्रफल(A)
अथवा P = F/A
प्रतिबल का मात्रक पास्कल (Pa) अथवा न्यूटन / मीटर 2 तथा विमीय सूत्र [ML-1T-2] होता है।
प्रतिबल के प्रकार ~ Types Of Stress
वस्तु पर आरोपित बाहरी विरूपक बल के प्रकृति के अनुसार प्रतिबल तीन प्रकार का होता है –
- अनुदैर्ध्य प्रतिबल (Longitudinal Stress)
- अभिलम्ब प्रतिबल (Normal Stress)
- विरूपक प्रतिबल या स्पर्श रेखीय प्रतिबल (Shearing Stress or Tangential Stress)
अनुदैर्ध्य प्रतिबल (Longitudinal Stress)
जब बाहरी बल किसी वस्तु की लम्बाई के अनुदिश तथा अनुप्रस्थ काट के लम्बवत् लगा हो जिससे वस्तु की लम्बाई में वृद्धि होती है तब वस्तु के अनुप्रस्थ काट के एकांक क्षेत्रफल पर कार्यरत बल, अनुदैर्ध्य प्रतिबल कहलाता है।
माना किसी तार की त्रिज्या r है तथा उस पर बाहरी बल F = mg कार्यरत् है, तब
अनुदैर्ध्य प्रतिबल = F/A = mg/πr2
अभिलम्ब प्रतिबल (Normal Stress)
जब वस्तु की संपूर्ण सतह पर सभी जगह एकसमान बल अथवा दाब, तल के लंबवत कार्य करता है तब वस्तु के आयतन में परिवर्तन होता है परंतु रूप नहीं बदलता है । इस प्रकार वस्तु के एकांक पृष्ठ के क्षेत्रफल पर कार्यरत अभिलंब बल अथवा दाब को अभिलंब प्रतिबल कहते हैं ।
माना वस्तु पर आरोपित दाब P है, तब
अभिलम्ब प्रतिबल = P
यह दो प्रकार का होता है –
- तनन प्रतिबल (Tensile Stress)
- संकुचन प्रतिबल (Compressive Stress)
तनन प्रतिबल (Tensile Stress):- जब बाहरी बल के लगने से वस्तु में खिंचाव या तनाव उत्पन्न होता है तब वस्तु के एकांक क्षेत्रफल पर कार्यरत बल को तनन प्रतिबल कहते हैं।
संकुचन प्रतिबल (Compressive Stress) : – जब बाहरी बल द्वारा वस्तु में सिकुड़न उत्पन्न हो तब वस्तु के एकांक क्षेत्रफल पर कार्यरत बल को संकुचन प्रतिबल कहते है।
विरूपक प्रतिबल या स्पर्श रेखीय प्रतिबल (Shearing Stress or Tangential Stress)
जब तल को स्पर्श करते हुए तल के समान्तर बाहरी बल इस प्रकार कार्यरत होता है कि वस्तु के रूप में परिवर्तन हो जाता है जबकि उसका आयतन अपरिवर्तित रहता है तब वस्तु के एकांक क्षेत्रफल पर कार्यरत बल को स्पर्श रेखीय अथवा विरूपक प्रतिबल कहते है ।