डेटा माइनिंग क्या है? लक्ष्य, लाभ और हानि, विशेषताएँ, प्रयोग

डेटा माइनिंग (Data Mining) को डेटा या ज्ञान की खोज (Knowledge Discovery) भी कहा जाता है। यह एक ऐसी प्रक्रिया है, जिसमें बहुत बड़े डेटा सेट्स से छोटे और उपयोगी डेटा को खोजना जाता है। डेटा माइनिंग में पारंपरिक सांख्यिकी (statistics), कृत्रिम बुद्धिमत्ता (artificial intelligence) और कंप्यूटर ग्राफिक्स (computer graphics) का इस्तेमाल किया जाता है।

कंपनियाँ डेटा माइनिंग का उपयोग करके बहुत बड़े डेटा सेट्स से महत्वपूर्ण जानकारी और पैटर्न्स (patterns) निकालती हैं। इसके द्वारा hidden patterns (छिपे हुए पैटर्न्स) और useful data (उपयोगी डेटा) को खोजा जाता है। फिर इन पैटर्न्स और डेटा का उपयोग करके decision making (निर्णय लेना) किया जाता है। डेटा माइनिंग कंपनियों को व्यापार (business) से संबंधित समस्याओं को हल करने में मदद करती है।

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डेटा माइनिंग में डेटा को विश्लेषण (analyze) करने के लिए data mining tools का उपयोग किया जाता है, जो कि बहुत ही शक्तिशाली होते हैं और बड़ी मात्रा में डेटा को समझने में मदद करते हैं।

डेटा माइनिंग के कई उदाहरण हैं, जो विभिन्न क्षेत्रों में इसका उपयोग बताते हैं। निम्नलिखित कुछ प्रमुख उदाहरण हैं:

  1. क्रेडिट कार्ड डेटा माइनिंग
    क्रेडिट कार्ड कंपनियां अपने members (सदस्यों) की buying habits (खरीदारी की आदतों) को समझने के लिए डेटा माइनिंग का उपयोग करती हैं। कार्डधारकों के purchases (खरीदारी) को analyze करके, कंपनियां यह जान सकती हैं कि लोग कहां, कब, और किस प्रकार की खरीदारी करते हैं। इससे कंपनियां specific promotions (विशेष प्रस्ताव) प्रदान कर सकती हैं और ग्राहकों की खरीदारी के पैटर्न को समझ सकती हैं, चाहे वे किसी भी राज्य या देश से हों। यह जानकारी कंपनियों के लिए बहुत मूल्यवान होती है, जो advertisements (विज्ञापन) देना चाहती हैं या new businesses (नए व्यापार) शुरू करना चाहती हैं।
  2. ऑनलाइन सेवाएं (Google और Facebook)
    • Google अपने search queries (खोज क्वेरी) का विश्लेषण करता है और popular searches (लोकप्रिय खोजों) की पहचान करता है। इसके बाद, वह इन्हें अपनी autocomplete list (स्वत: पूर्ण सूची) में जोड़ता है, जो तब दिखाई देती है जब आप कुछ टाइप करते हैं।
    • Facebook भी user activity data (उपयोगकर्ता गतिविधि डेटा) का विश्लेषण करता है और विभिन्न topics (विषयों) पर जानकारी प्राप्त करता है। इसके आधार पर वह ads (विज्ञापन) को टारगेट करता है, जो उपयोगकर्ता की रुचियों के आधार पर होते हैं।
  3. मार्केटिंग में डेटा माइनिंग
    डेटा माइनिंग का सबसे सामान्य उपयोग marketing purposes (विपणन उद्देश्यों) के लिए किया जाता है। कंपनियां इसका उपयोग अपने लक्षित ग्राहकों तक पहुंचने, उनके पैटर्न समझने और उपयुक्त विज्ञापन देने के लिए करती हैं।
  4. स्वास्थ्य देखभाल में डेटा माइनिंग
    Healthcare companies (स्वास्थ्य देखभाल कंपनियां) इस डेटा माइनिंग का उपयोग करके ऐसे links (संबंध) खोज सकती हैं जो विशेष genes (जीन) और diseases (रोगों) से जुड़े होते हैं। इससे उन्हें रोगों के इलाज में मदद मिल सकती है और नई चिकित्सा खोजें की जा सकती हैं।
  5. मौसम विभाग
    मौसम विभाग भी डेटा माइनिंग का उपयोग करता है ताकि वह मौसम के पैटर्न को समझ सके और meteorological events (मौसम विज्ञानिक घटनाओं) का पूर्वानुमान लगा सके। इससे भविष्य के मौसम के बारे में सटीक जानकारी मिलती है।
  6. यातायात प्रबंधन
    Traffic management (यातायात प्रबंधन) भी automotive data (ऑटोमोटिव डेटा) का उपयोग करता है। इससे वह भविष्य में यातायात के स्तर का अनुमान लगा सकता है और इस जानकारी का उपयोग highways (हाइवे) और streets (सड़कों) के लिए बेहतर योजनाएं बनाने में कर सकता है।

इन उदाहरणों से यह स्पष्ट है कि डेटा माइनिंग का उपयोग विभिन्न क्षेत्रों में किया जाता है, जैसे कि विपणन, स्वास्थ्य देखभाल, मौसम और यातायात प्रबंधन, ताकि बेहतर निर्णय लिए जा सकें और कार्यों में सुधार किया जा सके।

  1. Explanatory Goal (व्याख्यात्मक लक्ष्य)
    इस लक्ष्य के अंतर्गत किसी घटना या परिस्थिति को स्पष्ट (explain) किया जाता है। उदाहरण के लिए, यदि किसी कंपनी की बिक्री में कमी आई है, तो डेटा माइनिंग का इस्तेमाल इस कारण का पता लगाने के लिए किया जाता है।
  2. Confirmatory Goal (पुष्टिकरण लक्ष्य)
    इस लक्ष्य में संभावित परिकल्पनाओं (hypotheses) की पुष्टि (confirmation) की जाती है। इसका मतलब है कि अगर कोई विचार या परिकल्पना बनाई गई है, तो डेटा माइनिंग का उपयोग करके यह देखा जाता है कि वह परिकल्पना सही है या नहीं।
  3. Analytical Goal (विश्लेषणात्मक लक्ष्य)
    इस लक्ष्य में नए डेटा को विश्लेषण (analyze) किया जाता है ताकि सकारात्मक प्रतिक्रिया (positive feedback) प्राप्त की जा सके। इसके तहत नए डेटा का विश्लेषण करके इसके बारे में जानकारी प्राप्त की जाती है, जो आगे चलकर व्यापार के निर्णयों में मदद कर सकती है।

डेटा माइनिंग का मुख्य उद्देश्य है बड़े डेटा से महत्वपूर्ण जानकारी और पैटर्न्स को खोजना, जो व्यापारिक निर्णयों को बेहतर बना सके।

डेटा माइनिंग के लाभ (Advantages of Data Mining)

डेटा माइनिंग के कई लाभ हैं, जो कंपनियों और संगठनों को अपने कार्यों में मदद करते हैं। ये लाभ निम्नलिखित हैं:

  1. ज्ञान आधारित जानकारी प्राप्त करना
    डेटा माइनिंग की तकनीक का उपयोग करके कंपनियां knowledge-based information (ज्ञान आधारित जानकारी) प्राप्त करती हैं, जो व्यापारिक निर्णयों में सहायक होती है।
  2. उत्पादन और संचालन को बेहतर बनाना
    इसके माध्यम से संगठन अपने production (उत्पादन) और operations (संचालन) को अधिक प्रभावी और बेहतर बना सकते हैं, जिससे उनकी कार्यकुशलता बढ़ती है।
  3. लागत में बचत (Cost-Effective)
    डेटा माइनिंग दूसरे सांख्यिकी (statistical) डेटा एप्लिकेशनों की तुलना में cost-effective (लागत प्रभावी) है, यानी इससे अधिक खर्च के बिना महत्वपूर्ण जानकारी प्राप्त की जा सकती है।
  4. निर्णय लेने में सहूलत
    डेटा माइनिंग के माध्यम से निर्णय लेना आसान होता है, क्योंकि इसमें उपलब्ध डेटा का विश्लेषण करके अच्छे निर्णय लिए जा सकते हैं।
  5. नए सिस्टम में लागू करना सरल
    डेटा माइनिंग को नए सिस्टम्स में implement (लागू) करना बहुत आसान होता है, जिससे यह हर प्रकार के बिजनेस में तेजी से अपनाया जा सकता है।
  6. तेज़ गति
    डेटा माइनिंग की गति बहुत तेज होती है, जिससे large data (बड़े डेटा) को कम समय में analyze (विश्लेषण) किया जा सकता है।
  7. लाभकारी ग्राहकों को पहचानना
    डेटा माइनिंग के जरिए कंपनियाँ profitable customers (लाभकारी ग्राहकों) की पहचान कर सकती हैं, जिससे उत्पादों की बिक्री को बढ़ाया जा सकता है और ग्राहकों के साथ रिश्ते बेहतर बन सकते हैं।

डेटा माइनिंग की हानियाँ (Disadvantages of Data Mining)

डेटा माइनिंग के कुछ नुकसान भी हैं, जो निम्नलिखित हैं:

  1. डेटा की सुरक्षा और गोपनीयता का खतरा
    डेटा माइनिंग का एक बड़ा नुकसान यह है कि इसमें data security (डेटा सुरक्षा) और privacy (गोपनीयता) की कमी होती है। इसमें सोशल मीडिया के संदेश, फोटो आदि जैसे व्यक्तिगत डेटा को संग्रहित किया जाता है, जिससे लोगों की गोपनीयता खत्म हो सकती है।
  2. अधूरा डेटा
    डेटा माइनिंग द्वारा एकत्र किया गया डेटा अक्सर incomplete (अधूरा) होता है, जिससे सही और सटीक परिणाम प्राप्त करना मुश्किल हो सकता है।
  3. अप्रासंगिक डेटा
    डेटा माइनिंग में कभी-कभी irrelevant data (बेकार डेटा) भी एकत्र किया जाता है, जो विश्लेषण में कोई उपयोगी जानकारी नहीं देता और इससे डेटा को सही तरीके से विश्लेषण करना कठिन हो सकता है।

इन लाभों और हानियों को ध्यान में रखते हुए, डेटा माइनिंग का उपयोग व्यापारों और संगठनों के लिए एक शक्तिशाली उपकरण हो सकता है, लेकिन इसके साथ संबंधित समस्याओं का समाधान भी जरूरी है।

डेटा माइनिंग की कुछ प्रमुख विशेषताएँ निम्नलिखित हैं:

1. भविष्यवाणी (Future Prediction)

डेटा माइनिंग का एक महत्वपूर्ण पहलू यह है कि यह भविष्य में होने वाली घटनाओं का अनुमान (predict) करता है। इसका मतलब है कि डेटा माइनिंग का उपयोग करके, हम भविष्य में किसी घटना के घटित होने की संभावना का पूर्वानुमान लगा सकते हैं। उदाहरण के लिए, एक व्यापार कंपनी डेटा माइनिंग का उपयोग करके यह अनुमान लगा सकती है कि अगले कुछ महीनों में उनके उत्पाद की बिक्री कितनी होगी।

2. बड़े डेटा सेट्स और डेटाबेस पर ध्यान केंद्रित करना (Focus on Large Datasets and Databases)

डेटा माइनिंग मुख्य रूप से बड़े डेटा सेट्स और डेटाबेस पर काम करता है। यह बड़ी मात्रा में संग्रहीत डेटा से महत्वपूर्ण जानकारी और पैटर्न्स को निकालने का कार्य करता है। डेटा माइनिंग का उद्देश्य है कि यह जटिल और विशाल डेटा से उपयोगी जानकारी निकाल सके, जो किसी व्यवसाय या संगठन के लिए लाभकारी हो।

3. पैटर्न की स्वचालित भविष्यवाणी और व्यवहार विश्लेषण (Automatic Prediction of Patterns and Behavior Analysis)

डेटा माइनिंग में, पैटर्न की भविष्यवाणी स्वचालित रूप से होती है। इसका मतलब है कि यह एल्गोरिदम और तकनीकों का उपयोग करके डेटा से छिपे हुए पैटर्न्स को पहचानता है। यह पैटर्न्स आमतौर पर व्यवहार विश्लेषण (behavior analysis) पर आधारित होते हैं, यानी यह डेटा से पता लगाता है कि लोग या ग्राहक किस प्रकार का व्यवहार दिखा रहे हैं और इसके आधार पर भविष्यवाणी करता है।

4. काम में आने वाली जानकारी का निर्माण (Creation of Useful Information)

डेटा माइनिंग का एक अन्य महत्वपूर्ण पहलू यह है कि यह काम में आने वाली जानकारी (useful information) उत्पन्न करता है। डेटा माइनिंग के माध्यम से, केवल आंकड़ों का संग्रह नहीं किया जाता, बल्कि इसका उद्देश्य है उस डेटा से जानकारी प्राप्त करना जो व्यावसायिक निर्णय लेने में सहायक हो।

इन विशेषताओं के माध्यम से, डेटा माइनिंग कंपनियों और संगठनों को उनके निर्णयों को बेहतर बनाने, भविष्यवाणियों को सटीक बनाने और अधिक लाभकारी परिणाम प्राप्त करने में मदद करता है।

डेटा माइनिंग के दो मुख्य प्रकार होते हैं, जो कि निम्नलिखित हैं:

1. Predictive Data Mining Analysis (भविष्यवाणी डेटा माइनिंग विश्लेषण)

यह भविष्य में होने वाली घटनाओं का अनुमान लगाता है। इसके चार प्रकार होते हैं:

(i) Classification Analysis (वर्गीकरण विश्लेषण)
इसमें डेटा को विभिन्न वर्गों में बांटकर विश्लेषण किया जाता है, जैसे ग्राहक को “good” या “bad” श्रेणी में वर्गीकृत करना।

(ii) Regression Analysis (रिग्रेशन विश्लेषण)
इसमें एक डेटा पॉइंट के आधार पर निरंतर (continuous) मान की भविष्यवाणी की जाती है, जैसे किसी उत्पाद की कीमत का अनुमान लगाना।

(iii) Time Series Analysis (समय श्रृंखला विश्लेषण)
यह पिछले डेटा के आधार पर भविष्य में होने वाली घटनाओं का अनुमान करता है, जैसे पिछले महीनों की बिक्री के आधार पर अगले महीने की बिक्री का अनुमान।

(iv) Prediction Analysis (भविष्यवाणी विश्लेषण)
यह विश्लेषण भविष्य में होने वाली घटनाओं या प्रवृत्तियों का अनुमान करने के लिए किया जाता है।

2. Descriptive Data Mining Analysis (वर्णनात्मक डेटा माइनिंग विश्लेषण)

यह डेटा को उपयोगी जानकारी में बदलने के लिए किया जाता है। इसके चार प्रकार होते हैं:

(i) Clustering Analysis (क्लस्टरिंग विश्लेषण)
इसमें डेटा को समान गुण वाले समूहों में बांटा जाता है, जैसे ग्राहकों को उनकी पसंद के आधार पर समूहों में विभाजित करना।

(ii) Summarization Analysis (सारांश विश्लेषण)
इसमें डेटा का संक्षिप्त सारांश तैयार किया जाता है, जैसे डेटा के मुख्य बिंदुओं को निकालना।

(iii) Association Rule Analysis (एसोसिएशन नियम विश्लेषण)
यह डेटा में पैटर्न खोजने के लिए किया जाता है, जैसे जब ग्राहक एक उत्पाद खरीदते हैं, तो वे दूसरा उत्पाद भी खरीदते हैं (जैसे सुपरमार्केट में सामान की जोड़ियां)।

(iv) Sequence Discovery Analysis (क्रम अनुक्रम खोज विश्लेषण)
इसमें डेटा के अनुक्रमों (sequences) को पहचाना जाता है, जैसे ग्राहकों द्वारा किए गए खरीदारी अनुक्रमों का विश्लेषण।

इस प्रकार, डेटा माइनिंग विश्लेषण के इन प्रकारों का उद्देश्य डेटा से उपयोगी जानकारी निकालना और भविष्यवाणियां करना है।

डेटा माइनिंग का उपयोग कई अलग-अलग क्षेत्रों में किया जाता है। इसके कुछ प्रमुख अनुप्रयोग निम्नलिखित हैं:

  1. स्वास्थ्य (Healthcare):
    डेटा माइनिंग का उपयोग मरीजों के रोग के बारे में जानकारी प्राप्त करने के लिए किया जाता है। यह यह भी बताता है कि कौन से हॉस्पिटल्स में मरीज का इलाज कम समय और कम पैसे में हो सकता है।
  2. बाजार (Market):
    डेटा माइनिंग का उपयोग ग्राहकों के व्यवहार को समझने के लिए किया जाता है। यह पता लगाता है कि यदि एक ग्राहक ने कोई सामान खरीदा है, तो वह इसके साथ कौन सा दूसरा सामान खरीद सकता है।
  3. शिक्षा (Education):
    शिक्षा के क्षेत्र में, डेटा माइनिंग का उपयोग छात्र के परिणामों (results) का अनुमान लगाने के लिए किया जाता है। यह यह भी बताता है कि किसी छात्र को किस तरह से सिखाया जाए और क्या सिखाया जाए।
  4. धोखाधड़ी (Fraud Detection):
    आजकल बहुत सारे धोखाधड़ी के मामले होते हैं, जिससे लोगों का पैसा बर्बाद हो जाता है। डेटा माइनिंग धोखाधड़ी को पहचानने और रोकने में मदद करता है।

इस प्रकार, डेटा माइनिंग का उपयोग विभिन्न क्षेत्रों में किया जाता है, ताकि निर्णय बेहतर और अधिक सटीक हो सकें।

डेटा माइनिंग में, सबसे पहले Raw Data (कच्चे डेटा) की जांच की जाती है। इसके बाद, उस डेटा से आवश्यक जानकारी एकत्र की जाती है, जिसे विश्लेषण (analysis) के लिए इस्तेमाल किया जाता है। यदि हम बिजनेस के संदर्भ में डेटा माइनिंग का उपयोग करें, तो इसका मुख्य उद्देश्य ग्राहकों से संबंधित जानकारी इकट्ठा करना है, जैसे- उनके पसंदीदा उत्पाद, जरूरतें, मांग आदि। इस जानकारी का उपयोग करके बिज़नेस अपनी मार्केटिंग रणनीतियाँ (marketing strategies) तैयार करता है और सेल्स (विक्रय) बढ़ाता है।

उदाहरण:
मान लीजिए, आपने इंटरनेट पर कोई उत्पाद सर्च किया। तब उस सर्च की जानकारी का रिकॉर्ड एक डेटा के रूप में सर्वर पर सेव हो जाता है। फिर जब आप इंटरनेट पर दुबारा आते हैं, तो आपको पहले सर्च किए गए उत्पाद से संबंधित और नई जानकारी दिखाई देती है। यह सब डेटा माइनिंग द्वारा किया जाता है। डेटा माइनिंग प्रक्रिया में, कच्चे डेटा को फिल्टर (filter) किया जाता है और फिर उससे उपयोगी जानकारी एकत्र की जाती है, जिसका उपयोग बिज़नेस डेवेलपमेंट (business development) में किया जाता है।

इस प्रकार, डेटा माइनिंग से प्राप्त जानकारी का उपयोग बिज़नेस को अपने ग्राहकों को बेहतर तरीके से समझने और उनकी जरूरतों के अनुसार उत्पादों की पेशकश करने में किया जाता है।

डेटा माइनिंग तैयार करने के मुख्य चरण निम्नलिखित हैं:

  1. Input (इनपुट):
    इस चरण में, डेटा को प्रोसेसिंग के लिए एक सुविधाजनक रूप में तैयार किया जाता है। यह रूप प्रोसेसिंग मशीन पर निर्भर करता है। उदाहरण के लिए, जब इलेक्ट्रॉनिक कंप्यूटर का उपयोग किया जाता है, तो इनपुट डेटा को किसी मीडिया में स्टोर किया जाता है, जैसे मैग्नेटिक डिस्क या टेप्स।
  2. Processing (प्रोसेसिंग):
    इस चरण में, इनपुट डेटा को उपयोगी डेटा में बदला जाता है। यह डेटा अधिक प्रभावी रूप में होता है। उदाहरण के लिए, किसी कंपनी में बिक्री के आंकड़ों का सारांश (summary) तैयार करने के लिए बिक्री आदेशों (sales orders) को देखा जाता है।
  3. Output (आउटपुट):
    इस चरण में, प्रोसेसिंग के परिणामों को इकट्ठा किया जाता है। आउटपुट डेटा का रूप इस पर निर्भर करता है कि उस डेटा का उपयोग कैसे किया जाएगा। उदाहरण के लिए, आउटपुट डेटा में कर्मचारियों के वेतन-पर्ची (pay-checks) हो सकती हैं।

इस प्रकार, डेटा माइनिंग के तैयार करने में इन तीन चरणों का पालन किया जाता है: इनपुट, प्रोसेसिंग, और आउटपुट।

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