Artificial Intelligence (AI) Kya He | Itihas, Udaharan, Anuprayog, Labh

कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI) या “Artificial Intelligence” कंप्यूटर विज्ञान की एक शाखा है, जिसका उद्देश्य ऐसी मशीनों को बनाना है जो इंसानों की तरह सोच और काम कर सकें। उदाहरण के लिए, आवाज़ की पहचान, समस्या का हल ढूंढना, सीखना और योजना बनाना। यह मशीनों द्वारा दिखायी जाने वाली बुद्धिमत्ता है, जो मनुष्यों और जानवरों द्वारा प्रदर्शित प्राकृतिक बुद्धिमत्ता (Natural Intelligence) से अलग होती है

AI का लक्ष्य ऐसी मशीनें या सॉफ़्टवेयर विकसित करना है जो इंसान की तरह सोच सकें, जैसे हमारा मस्तिष्क काम करता है। AI को इस स्तर तक पहुंचाने के लिए मशीनों को निरंतर प्रशिक्षित किया जाता है, ताकि वे अनुभव से सीख सकें और नए इनपुट के साथ सही तरीके से काम कर सकें।

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AI की मदद से अब ऐसी मशीनें बन रही हैं जो अपने वातावरण के साथ बातचीत करके प्राप्त डेटा से बुद्धिमानी से काम कर सकती हैं। जैसे-जैसे AI मजबूत होगा, यह भविष्य में हमारे दोस्त जैसा बन सकता है, जो हमें किसी समस्या के बारे में खुद से सोचकर समाधान बता सके।

संक्षेप में, AI का मतलब है एक मशीन या कंप्यूटर प्रोग्राम की सोचने और सीखने की क्षमता, ताकि वह इंसान की तरह किसी समस्या का समाधान सोच सके और उससे सीखे।

आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) की रिसर्च 1950 में शुरू हुई थी। जब इलेक्ट्रॉनिक कम्प्यूटर और स्टोर्ड प्रोग्राम कम्प्यूटर का विकास हुआ, तब AI पर रिसर्च की शुरुआत हुई। लेकिन कई दशकों तक कोई ऐसा कम्प्यूटर नहीं बना, जो इंसान की तरह सोच सके या काम कर सके। AI के विकास में एक महत्वपूर्ण खोज की थी Norbert Wiener ने। उन्होंने यह साबित किया कि इंसानों का बुद्धिमान व्यवहार उनके तंत्रिका तंत्र (nervous system) के परिणाम होते हैं।

1955 में Newell और Simon ने AI के क्षेत्र में एक और महत्वपूर्ण कदम बढ़ाया। उन्होंने एक प्रोग्राम बनाया जिसे “लॉजिक थेओरिस्ट” कहा गया। इसे AI का पहला प्रोग्राम माना जाता है।

आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के जनक John McCarthy को माना जाता है। वह एक अमेरिकी वैज्ञानिक थे, जिन्होंने AI के क्षेत्र में कई महत्वपूर्ण काम किए। 1956 में, उन्होंने “The Dartmouth Summer Research Project on Artificial Intelligence” नामक एक सम्मेलन का आयोजन किया। इस सम्मेलन का उद्देश्य उन लोगों को एकत्रित करना था, जो मशीन इंटेलिजेंस (machine intelligence) में रुचि रखते थे। इसमें कई वैज्ञानिक और शोधकर्ता शामिल हुए और इस क्षेत्र को और बढ़ावा मिला।

इसके बाद, AI रिसर्च सेंटर की स्थापना Carnegie Mellon University और Massachusetts Institute of Technology में की गई। हालांकि, AI को कई चुनौतियों का सामना भी करना पड़ा। पहली चुनौती थी, एक ऐसा सिस्टम बनाना जो किसी समस्या को बहुत कम समय में हल कर सके। दूसरी चुनौती थी, एक ऐसा सिस्टम बनाना जो खुद से सीख सके और अपने अनुभव से बेहतर हो सके।

AI के क्षेत्र में पहली बड़ी सफलता 1957 में मिली, जब Newell और Simon ने General Problem Solver (GPS) नामक प्रोग्राम बनाया। यह एक नई तकनीक थी जो समस्याओं का समाधान बहुत बेहतर तरीके से कर सकता था। यह Wiener के फीडबैक सिद्धांत (feedback theory) का विस्तार था।

AI के इतिहास में एक और महत्वपूर्ण घटना 1958 में हुई, जब John McCarthy ने LISP नामक प्रोग्रामिंग भाषा बनाई। LISP AI रिसर्चरों द्वारा बहुत उपयोग की जाने वाली भाषा बनी और आज भी इसका उपयोग होता है।

इस प्रकार, AI का इतिहास बहुत लंबा और दिलचस्प है, और इसके विकास में कई वैज्ञानिकों और शोधकर्ताओं ने योगदान दिया है।

आजकल, AI (आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस) एक बहुत ही लोकप्रिय और महत्वपूर्ण विषय बन चुका है। कई विशेषज्ञ मानते हैं कि AI और मशीन लर्निंग हमारा भविष्य है। लेकिन अगर हम अपने आस-पास देखें, तो हमें यह समझ में आता है कि यह केवल भविष्य नहीं, बल्कि आज का भी हिस्सा बन चुका है। आज हम किसी न किसी रूप में AI से जुड़े हुए हैं और इसका इस्तेमाल कर रहे हैं, जैसे स्मार्टफोन, गाड़ी, और अन्य स्मार्ट डिवाइस। हालांकि, AI की तकनीक अभी भी शुरुआती चरण में है, लेकिन इसके उपयोग में तेजी से बढ़ोतरी हो रही है।

यहां कुछ उदाहरण दिए गए हैं, जो AI का इस्तेमाल करते हैं:

  1. Siri:
    Siri, जो Apple का वर्चुअल असिस्टेंट है, AI का बेहतरीन उदाहरण है। जब आप ‘Hey Siri’ बोलते हैं, तो यह आपके आदेश को समझकर कई काम कर सकती है। जैसे, यह आपके लिए मैसेज भेज सकती है, इंटरनेट पर जानकारी खोज सकती है, फोन कॉल कर सकती है, एप्लिकेशन खोल सकती है, और यहां तक कि टाइमर सेट कर सकती है। Siri आपके सवालों और आदेशों को समझने के लिए AI तकनीक का इस्तेमाल करती है। इसके अलावा, Alexa और Google Assistant भी इसी तरह के AI असिस्टेंट हैं, जो आपकी मदद करते हैं।
  2. Tesla:
    Tesla कारें भी AI का इस्तेमाल करती हैं। Tesla की कारें self-driving (स्वयं चलने वाली) हैं, जिसका मतलब है कि ये कारें बिना ड्राइवर के खुद चल सकती हैं। इसके अलावा, Tesla कारों में कई तकनीकी नवाचार (technological innovations) और स्मार्ट फीचर्स होते हैं, जैसे- ड्राइविंग में मदद करने वाली AI। भविष्य में, AI और भी स्मार्ट और सक्षम बन जाएगा, जिससे ऐसी कारें और भी बेहतर हो जाएंगी।
  3. Google Maps:
    Google Maps में AI का इस्तेमाल होता है ताकि यह हमें सही रास्ता दिखा सके। AI तकनीक सड़क की जानकारी को स्कैन करती है और एल्गोरिदम (algorithms) का उपयोग करके सबसे बेहतर रूट हमें बताती है। जब हम ट्रैफिक, रास्ते, और समय के बारे में जानकारी चाहते हैं, तो Google Maps AI की मदद से हमें यह सब जानकारी देता है।
  4. Nest:
    Nest एक स्मार्ट थर्मोस्टेट (temperature control system) है, जिसे Google ने खरीदा था। यह AI का इस्तेमाल करते हुए आपके घर के तापमान को आपके व्यवहार और दिनचर्या के हिसाब से सेट करता है। उदाहरण के लिए, अगर कोई घर में नहीं है, तो यह अपने आप तापमान को कम कर देता है और ऊर्जा बचाता है। यह बहुत ही स्मार्ट मशीन है, जो एक सप्ताह में आपके घर की आदतों को समझकर सही तापमान तय कर लेती है।
  5. Echo:
    Echo, जो Amazon द्वारा लांच किया गया है, एक स्मार्ट डिवाइस है, जो आपके सवालों का जवाब दे सकता है, ऑडियोबुक पढ़ सकता है, मौसम की जानकारी दे सकता है, ट्रैफिक के बारे में बता सकता है, और स्पोर्ट्स स्कोर भी दे सकता है। Echo में समय-समय पर नई सुविधाएँ जोड़ी जा रही हैं, जिससे यह और भी स्मार्ट हो रहा है।

इन उदाहरणों से यह साफ होता है कि AI आज के समय में हमारे जीवन का अहम हिस्सा बन चुका है और आने वाले समय में इसके और भी बेहतर उपयोग देखने को मिल सकते हैं।

AI (आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस) बहुत महत्वपूर्ण है क्योंकि यह विभिन्न क्षेत्रों जैसे- मनोरंजन, शिक्षा, स्वास्थ्य, व्यापार, परिवहन और अन्य उपयोगों में कठिन समस्याओं को हल करने में मदद करता है। AI के कुछ प्रमुख अनुप्रयोगों को पांच मुख्य श्रेणियों में बाँटा जा सकता है:

  1. ज्ञान: यह AI की क्षमता है, जो दुनिया के बारे में जानकारी देती है। जैसे:
    • वित्तीय बाजार का व्यापार
    • खरीदारी के लिए भविष्यवाणी
    • धोखाधड़ी की पहचान और रोकथाम
    • दवाइयाँ बनाना और चिकित्सा निदान करना
    • मीडिया में सिफारिशें देना
  2. विचार (Thinking): यह AI की क्षमता है, जो तर्क और विश्लेषण के माध्यम से समस्याओं का समाधान करती है। जैसे:
    • वित्तीय संपत्तियों का प्रबंधन
    • कानूनी मामलों का मूल्यांकन
    • वित्तीय प्रक्रिया
    • स्वायत्त (self-driving) कारों और खेलों में AI का उपयोग
  3. संचार (Communication): यह AI की क्षमता है, जो बोलने और लिखने वाली भाषाओं को समझती है। जैसे:
    • भाषाओं का वास्तविक समय में अनुवाद
    • वास्तविक समय में ट्रांसक्रिप्शन (लेखन)
    • स्मार्ट सहायक (जैसे Siri, Alexa)
    • आवाज़ से नियंत्रण
  4. योजना (Planning): यह AI की क्षमता है, जो लक्ष्यों को निर्धारित करने और प्राप्त करने में मदद करती है। जैसे:
    • कार्यों की सूची बनाना और प्रबंधित करना
    • भविष्यवाणी करना
    • रखरखाव और नेटवर्क अनुकूलन
  5. अनुभूति (Perception): यह AI की क्षमता है, जो ध्वनियों, चित्रों और अन्य संवेदी डेटा से दुनिया के बारे में जानकारी प्राप्त करती है। जैसे:
    • चिकित्सा निदान
    • स्वायत्त वाहन
    • निगरानी और सुरक्षा

इस तरह, AI कई क्षेत्रों में काम कर रहा है और हमारे जीवन को अधिक सुविधाजनक और स्मार्ट बना रहा है।

आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) के फायदे:

  1. कम गलतियाँ और अधिक सटीकता: AI सिस्टम कम गलतियों के साथ अधिक सटीक निर्णय लेता है, क्योंकि यह डेटा और पूर्व अनुभव के आधार पर काम करता है।
  2. तेजी से निर्णय: AI सिस्टम बहुत तेज़ी से निर्णय ले सकता है, जैसे शतरंज का खेल खेलते समय एक AI शतरंज चैंपियन को हरा सकता है।
  3. विश्वसनीयता: AI मशीनें एक ही कार्य को कई बार बिना गलती के करती हैं, जिससे इन्हें बहुत विश्वसनीय माना जाता है।
  4. जोखिम भरे कार्यों के लिए उपयोगी: AI मशीनें खतरनाक कार्य कर सकती हैं, जैसे बम को निष्क्रिय करना या समुद्र की गहराई में शोध करना, जहां मनुष्यों के लिए यह जोखिमपूर्ण हो सकता है।
  5. डिजिटल सहायक: AI का उपयोग डिजिटल सहायक (जैसे स्मार्टफोन के सहायक) के रूप में किया जा सकता है, जो उपयोगकर्ताओं की ज़रूरतों को समझकर उन्हें मदद करता है, जैसे E-commerce वेबसाइट्स पर AI ग्राहकों को सही उत्पाद सुझाता है।

आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के नुकसान:

  1. महँगी लागत: AI की तकनीकी हार्डवेयर और सॉफ़्टवेयर बहुत महंगे होते हैं, और इन्हें अच्छी तरह से बनाए रखने के लिए नियमित खर्च की जरूरत होती है।
  2. सिर्फ़ तय काम कर सकती हैं: AI मशीनें केवल वही काम करती हैं, जिनके लिए उन्हें प्रशिक्षित किया गया है। वे ‘बॉक्स से बाहर’ सोचने या नए तरीके से कार्य करने में सक्षम नहीं होतीं।
  3. भावनाएँ और इमोशन्स नहीं: AI मशीनें काम में बहुत कुशल हो सकती हैं, लेकिन इनमें कोई भावना नहीं होती है। इस कारण से, वे मानवों के साथ भावनात्मक जुड़ाव नहीं बना सकतीं और कभी-कभी ये उपयोगकर्ताओं के लिए हानिकारक भी हो सकती हैं।
  4. मशीनों पर निर्भरता बढ़ना: तकनीक के बढ़ने के साथ, लोग मशीनों पर अधिक निर्भर हो रहे हैं, जिससे वे अपनी मानसिक क्षमताओं का विकास नहीं कर पा रहे हैं।
  5. सृजनात्मकता की कमी: मनुष्य बहुत रचनात्मक होता है, नए विचार उत्पन्न कर सकता है, लेकिन AI मशीनें इस प्रकार की रचनात्मकता या कल्पना नहीं कर सकतीं।

इस प्रकार, AI के फायदे बहुत हैं, लेकिन कुछ नुकसान भी हैं जिन्हें ध्यान में रखकर इसका उपयोग किया जाना चाहिए।

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