इस Operating System में CPU का रिस्पांस टाइम बहुत महत्त्वपूर्ण होता है। इस प्रकार के OS रियल-टाइम में काम करते हैं। अर्थात् इनपुट को प्रोसेस करने और प्रतिक्रिया देने में लगने वाला आवश्यक समय बहुत कम होता है। इस समय अंतराल को प्रतिक्रिया समय (Response Time) कहा जाता है। इन Real-Time Operating System का उपयोग तब किया जाता है। जब समय की महत्त्वता बहुत अधिक हो। उदाहरण के लिए मिसाइल सिस्टम, जहाँ एक निश्चित समय में मिसाइल को लॉन्च करना ही होता है।
रियल-टाइम ऑपरेटिंग सिस्टम दो प्रकार के होते हैं-
(i) Hard Real-Time OS– Operating System उन एप्लीकेशन में उपयोग किये जाते है, जहां समय की बहुत सख्ती हो या प्रतिक्रिया देने में थोड़ी भी देरी स्वीकार्य नहीं की जाए। इन्हें ज्यादातर नाजुक ऑपरेशन के लिए उपयोग में लिया जाता है। हार्ड रियल टाइम सिस्टम में सेकेंडरी स्टोरेज बहुत सीमित या गायब होती है। और डेटा कोROM में स्टोर किया जाता है। इन सिस्टम में Virtual Memory नहीं पायी जाती है।
(ii) Soft Real-Time OS– ये हार्ड रियल टाइम के मुकाबले कम प्रतिबंधात्मक होते हैं। प्रतिक्रिया समय में थोड़ी देरी इसमें स्वीकार्य की जा सकती है।
ईल-टाइम ऑपरेटिंग सिस्टम के फायदे
- इस प्रकार के सिस्टम में मेमोरी आवंटन (Memory Allocation) को बेहतर मैनेज किया जाता है।
- इसके प्रोग्राम का साइज कम होने के कारण RTOS का उपयोग ट्रांसपोर्ट जैसे एम्बेडेड में भी किया जाता है।
- डिवाइस और सिस्टम का अधिकतम उपयोग होता है।
सील-टाइम ऑपरेटिंग सिस्टम के नुकसान
- कभी-कभी सिस्टम संसाधन इतने अच्छे नहीं होते और वे महंगे भी होते हैं।
- इनकी अल्गोरिथम को समझना एक डिज़ाइनर के लिए काफी जटिल और कठिन होता है।
- एक समय में बहुत कम टास्क को चलाया जा सकता है।