किसी भौतिक राशि के मापन में निम्न त्रुटियों के होने की सम्भावना रहती है-
- क्रमबद्ध त्रुटियां (Systematic Error)
- अनियमित त्रुटियां (Random Error)
क्रमबद्ध त्रुटियां (Systematic Error)
जब किसी मापन में सदैव एक समान त्रुटि होती है अर्थात त्रुटि की प्रकृति अथवा चिन्ह सदैव एक ही प्रकार का धनात्मक अथवा ऋणात्मक होता है, तो इस प्रकार की त्रुटि को क्रमबद्ध त्रुटि कहते है। क्रमबद्ध त्रुटियां ज्ञात कारणों से होती हैं। इन कारणों को ज्ञात कर इन त्रुटियों को दूर किया जा सकता है ।
क्रमबद्ध त्रुटियां निम्न प्रकार की हो सकती है –
- स्थिर त्रुटियां (Constant Errors) : – यदि मापने वाले यन्त्र पर बने मापक चिन्ह गलत लगे हो तो ऐसे यन्त्र के प्रयोग से सभी प्रेक्षणों में त्रुटि सदैव एक समान प्राप्त होती , ऐसी त्रुटि को स्थिर त्रुटि कहते है।
- यन्त्र के कारण त्रुटियां (Errors due to Instruments):- वे त्रुटियां जो यंत्रों की संरचना अथवा बनावट के कारण होती है उन्हे यन्त्र के कारण त्रुटियां कहते है।
- व्यक्तिगत त्रुटियां (Personal Errors): – वे त्रुटियां जो प्रयोग करने वाले अथवा मापन करने वाले व्यक्ति की असावधानी के कारण उत्पन्न होती है, उन्हें व्यक्तिगत त्रुटि कहते है।
- बाहरी कारणों द्वारा उत्पन्न होने वाली त्रुटियां (Error due to external reason) :- यह त्रुटि बाहरी परिस्थितियों जैसे – दाब, ताप, वायु, इत्यादि के परिवर्तन के कारण उत्पन्न त्रुटि को बाहरी कारणों द्वारा उत्पन्न होने वाली त्रुटि कहते है। जैसे – वायु की दिशा में ध्वनि का वेग बढ़ जाना, लम्बाई मापते समय ताप वृद्धि से पैमाने में विस्तार हो जाना आदि
अनियमित त्रुटियां (Random Error)
ऐसी त्रुटियां जिनके ऊपर प्रयोगकर्ता का कोई नियन्त्रण नहीं होता है, अनियमित त्रुटि कहलाती है।
यदि प्रशिक्षण लेने के दौरान अकस्मात वातावरण का ताप, दाब अथवा आद्रता तेजी से बदल जाए अथवा विद्युत के किसी प्रयोग में सप्लाई वोल्टेज अचानक परिवर्तित हो जाए अथवा भूकंप का मन सामान्य सीमा से अधिक हो जाए तो भिन्न-भिन्न प्रयोगों में इस प्रकार के परिवर्तनों का भिन्न-भिन्न प्रभाव पड़ता है जो प्रेक्षण के मान को प्रभावित करता है इन त्रुटियों को दूर करने के लिए मापन को कई बार लेकर तथा उनका औसत ज्ञात कर पर्याप्त सीमा तक यथार्थ मान पाया जा सकता है ।