कार्य ऊर्जा प्रमेय
इस प्रमेय के अनुसार ” किसी वस्तु पर बल लगाने से बल द्वारा किया गया कार्य, उस वस्तु की गतिज ऊर्जा में परिवर्तन के बराबर होता है।” माना किसी वस्तु का द्रव्यमान m तथा प्रारम्भिक वेग U है वस्तु पर F बल लगाने पर उसमें उत्पन्न त्वरण a है, तब
वस्तु पर बल F = द्रव्यमान (m) X त्वरण (a)
वस्तु पर बल लगाने के बाद यदि वस्तु t समय मे x दूरी तय करती है और उसका अन्तिम वेग v हो जाता है तो बल द्वारा किया गया कार्य
W = बल (F) X विस्थापन (s)
तो गति के तृतीय समीकरण से,
V2 = U2 + 2as
दोनों पक्षों में 1/2 m से गुणा करने पर
1/2 MV2 = 1/2 MU2 +2as X 1/2M
1/2 MV2 – 1/2 MU2 = Ma . s
1/2 MV2 – 1/2 MU2 =F.s ( क्योंकि F = Ma होता है)
1/2 MV2 – 1/2 MU2 = W ( क्योंकि W= F.s होता है )
W = 1/2 MV2 – 1/2 MU2
W = Kf – Ki
Ki = 1/2 MU2 = वस्तु की प्रारम्भिक गतिज ऊर्जा.
Kf = 1/2 MV2 = वस्तु की अन्तिम गतिज ऊर्जा ।
अतः W = ∆K
माना किसी वस्तु का द्रव्यमान m तथा प्रारम्भिक वेग U है वस्तु पर F बल लगाने पर उसमें उत्पन्न त्वरण a है, तब
वस्तु पर बल F = द्रव्यमान (m) X त्वरण (a)
वस्तु पर बल लगाने के बाद यदि वस्तु t समय मे x दूरी तय करती है और उसका अन्तिम वेग v हो जाता है तो बल द्वारा किया गया कार्य
W = बल (F) X विस्थापन (s)
तो गति के तृतीय समीकरण से,
V2 = U2 + 2as
दोनों पक्षों में 1/2 m से गुणा करने पर
1/2 MV2 = 1/2 MU2 +2as X 1/2M
1/2 MV2 – 1/2 MU2 = Ma . s
1/2 MV2 – 1/2 MU2 =F.s ( क्योंकि F = Ma होता है)
1/2 MV2 – 1/2 MU2 = W ( क्योंकि W= F.s होता है )
W = 1/2 MV2 – 1/2 MU2
W = Kf – Ki
Ki = 1/2 MU2 = वस्तु की प्रारम्भिक गतिज ऊर्जा.
Kf = 1/2 MV2 = वस्तु की अन्तिम गतिज ऊर्जा ।
अतः W = ∆K