डाल्टन का परमाणु सिद्धान्त क्या है? Dalton ka Parmanu Model

डाल्टन का परमाणु सिद्धान्त समझने से पहले हम परमाणु को समझते है कि परमाणु क्या है ?

किसी पदार्थ का वह छोटा-से-छोटा कण जो किसी रासायनिक अभिक्रिया में भाग ले सके अथवा रासायनिक अभिक्रिया द्वारा अलग किया जा सके, उस कण को परमाणु (Atom) कहते हैं

उदाहरण : हाइड्रोजन (H), नियॉन (Ne), आर्गन (Ar), लोहा (Fe), कैल्शियम (Ca). 

डाल्टन का परमाणु सिद्धान्त ~ Dalton’s Atomic Theory

रासायनिक संयोग के नियमों के आधार पर वैज्ञानिक डाल्टन ने सन् 1803 में अपना परमाणु सिद्धान्त प्रतिपादित किया इस नियम के अनुसार –

  • परमाणु अविनाशी है अर्थात परमाणु को न तो उत्पन्न किया जा सकता है और न ही नष्ट किया जा सकता है।
  • सभी पदार्थ परमाणुओं से मिलकर बने हैं।
  • परमाणु अविभाज्य है अर्थात इसे विभाजित नहीं किया जा सकता है और ये रासायनिक अभिक्रिया में भाग ले सकता है।
  • किसी पदार्थ के सभी परमाणु आकार (Size) तथा गुणों (Properties) में समान होते है ।
  • किसी की यौगिक में परमाणु सरल गुणित अनुपात (Multiple Ratio) में होते है ।

डाल्टन के परमाणु मॉडल के दोष ~ Drawback Of Dalton’s Atomic Model

यह नियम निम्नलिखित की व्याख्या करने में असफल रहा –

  • विभिन्न तत्वों के परमाणुओं का परस्पर संयोग करना।
  • समान तत्वों के परमाणुओं का द्रव्यमान अलग – अलग होना ।
  • भिन्न – भिन्न तत्वों के परमाणुओं का भार भिन्न – भिन्न होना ।
  • तत्वों में परमाणु परस्पर किन बलों द्वारा जुड़े होते है।
  • परमाणुओं का स्वतन्त्र अवस्था में नहीं रहना ।

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