ब्लैक होल के सिद्धान्त की व्याख्या कीजिए।

ब्लैक होल के सिद्धान्त को एस चंन्द्रशेखर ने प्रतिपादित किया था ” ब्लैक होल के चारों ओर एक सीमा होती है जिसे घटना क्षितिज कहा जाता है जिसमें वस्तुएं गिर तो सकती है परन्तु बाहर कुछ भी नहीं आ सकती है इसलिए इसे ब्लैक (काला) भी कहा जाता है।

ब्लैक होल कैसे बनते है ?

ब्लैक होल अंतरिक्ष का एक ऐसा क्षेत्र होता है जहाँ पदार्थ अपने आप खत्म हो जाते हैं, कुछ बड़े तारों के विस्फोट के साथ टूटने से ब्लैक होल पैदा होते हैं और एक गुरुत्वाकर्षण खिंचाव के साथ अविश्वसनीय रूप से घनी वस्तु का निर्माण करते है जो इतना मज़बूत होता है कि यह अपने चारों ओर के स्पेस-टाइम को परिवर्तित कर देता है।

WhatsApp Group Join Now
Telegram Group Join Now
Instagram Group Join Now

महत्व

  • ब्रह्मांड और उसके विकास को समझने के लिये ब्लैक होल महत्त्वपूर्ण हैं।
  • आकाशगंगाओं के निर्माण एवं विकास के साथ पूरे ब्रह्मांड में पदार्थ के वितरण में भूमिका निभाते हैं।
  • ब्लैक होल का अध्ययन करने से हमें अंतरिक्ष, समय और गुरुत्त्वाकर्षण के मूलभूत गुणों को समझने में भी मदद मिल सकती है ।

Leave a Comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Scroll to Top