फ्रेगमेंटेशन क्या है? – Fragmentation in OS in Hindi

Fragmentation-

Fragmentation, हार्ड डिस्क की एक ऐसी स्थिती होती है जिसमें एक single file के बहुत सारे भाग डिस्क में अलग-अलग जगह पर स्टोर रहते हैं जिसके कारण मैमोरी का नुकसान होता है तथा ऑपरेटिंग सिस्टम की कार्य क्षमता की प्रभावित होती है।

दूसरे शब्दों में कहें तो, “fragmentation हार्ड डिस्क की एक ऐसी स्थिति है जिसमें एक फाइल के भाग non contiguous memory में स्टोर रहते हैं।”

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आसान शब्दों में कहें तो “मैमोरी का loss हानि हो fragmentation होता है।”

यूजर, सिस्टम में files को create, delete तथा modify करते रहते हैं तो ऑपरेटिंग सिस्टम इन files को हार्ड डिस्क में स्टोर करता है तो कभी-कभी एक फाइल के कुछ भागों को अलग-अलग स्थान पर स्टोर कर देता है।

माना आपने MS word के डॉक्यूमेंट को डिस्क में एक जगह पर save किया आपको तो वह एक जगह पर दिख रहा हैपर हो सकता है उस डॉक्यूमेट के part अलग अलग जगह पर स्टोर हो जिसके कारण अगर हम उस डॉक्यूमेंट को open करते हैं तो ऑपरेटिंग सिस्टम सभी जगह से डॉक्यूमेंट के भागों को एकत्रित करता है फिर वह open होता है और हमारा जिससे डाक्यूमेट को खुलने में समय अधिक लग जाता है। सिस्टम धीमा कार्य करता है।

Types of Fragmentation –

  1. बाहरी (External)
  2. आंतरिक (Internal)

External Fragmentation-

External fragmentation वह फ्रेगमेंटेशन है जिसमे हमारे पास डिस्क में पर्याप्त मैमारी स्पेस होता है परन्तु हम उसे प्रयोग नहीं कर सकते है क्योंकि जो मैमोरी स्पेस है वह contiguous नहीं है। इसमे अगर हमारे पास बहुत सारे मैमोरी स्पेस (hole) है तो वह मैमोरी बर्बाद चली जाती है।

External Fragmentation को compaction के द्वारा दूर किया जा सकता है। Compaction एक ऐसी अल्गोरिथम है जिसके द्वारा सभी मैमोरी स्पेस (hole) को एक साथ एक जगह पर लाया जाता है और स्पेस का एक बड़ा block बना दिया जाता है।

Internal Fragmentation-

Internal fragmentation तब होता है जब मैमोरी को fixed size blocks में विभाजित कर दिया जाता है। अर्थात् किसी प्रोसेस को एक बड़ा मैमोरी ब्लॉक दे दिया जाता है जिससे उसमें बची बाकी मैमोरी बर्बाद चली जाती है।

इस फ्रेगमेंटेशन को कम करने के लिए हमें प्रोसेस को उसके size के हिसाब से मैमोरी ब्लॉक assign करने चाहिए ना कि यड़े।

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