समतापीय और रुद्धोष्म प्रक्रम परिवर्तन पर टिप्पणी लिखिए।

समतापीय प्रक्रम (Isothermal Process)

जब किसी ऊष्मागतिक निकाय (Thermodynamic System) में कोई भौतिक परिवर्तन ( दाब तथा आयतन में ) इस प्रकार किया जाए कि निकाय के ताप में कोई परिवर्तन न हो तो इस प्रकार क प्रक्रम को समतापी प्रक्रम कहते है।

उदाहरण :-

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  • बर्फ का गलना ।
  • जल का उबलना ।

समतापीय प्रक्रम सम्बन्धी नियम

समतापी प्रक्रम में परिवर्तन बॉयल नियम के अनुसार ही होता है । इस नियम के अनुसार, गैस के निश्चित द्रव्यमान के लिए
PV = नियंताक
समतापी प्रक्रम में निकाय का ताप नियत रहता है। अतः इस प्रक्रम में आन्तरिक ऊर्जा में परिवर्तन शून्य होता है।

रुद्धोष्म प्रक्रम (Adiabatic Process)

जब किसी ऊष्मागतिक निकाय में कोई भौतिक परिवर्तन इस प्रकार किया जाए कि निकाय व बाहरी वातावरण के बीच ऊष्मा का आदान – प्रदान न हो तो इस प्रकार के प्रक्रम को रुद्धोष्म प्रक्रम कहते है।

उदाहरण : –

  • साइकिल की ट्यूब के अचानक फट जाने से निकलने वाली वायु ठण्डी हो जाती है।
  • साइकिल की ट्यूब में हवा भरते दाब डालते है तो किया गया कार्य शीघ्र ही ऊष्मा में परिवर्तित हो जाता है और ऊष्मा इतने कम समय में बाहर नहीं निकल पाती है।

समतापीय और रुद्धोष्म प्रकियाओं में अन्तर बताइए ~ Explain the difference between isothermal and adiabatic processes

समतापीय प्रक्रिया

  • इस प्रक्रम में ताप नियत रहता है ।
  • इस प्रक्रम में ऊष्मा का आदान – प्रदान होता है।
  • यह प्रक्रम बहुत धीरे होता है।
  • इस प्रक्रम में निकाय किसी पूर्ण चालक पदार्थ से घिरा रहता है।
  • इसमें आंतरिक ऊर्जा नियत रहती है।
  • इस प्रक्रम में विशिष्ठ ऊष्मा अंनत होती है।

रुद्धोष्म प्रक्रिया

  • इस प्रक्रम में ताप बदलता रहता है ।
  • इस प्रक्रम में ऊष्मा का आदान – प्रदान नहीं होता है।
  • यह प्रक्रम बहुत तेज होता है।
  • इस प्रक्रम में निकाय बाहरी वातावरण से पूर्णता ऊष्मारोधी होता है।
  • इसमें आंतरिक ऊर्जा बदलती रहती है।
  • इस प्रक्रम में विशिष्ठ ऊष्मा शून्य होती है।

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